संस्था परिचय
हम क्या है? हम क्यों है? हम कबसे है? हम कब तक रहेंगे? हम किसके लिए है?
ईमानदारी का उपहास और भ्रष्टाचारी का गुणगान? जन साधारण अपने कानूनी कार्यों के लिए भी घूस के शिकार, जबकि धनबल का दुरुपयोग करके अपात्र, असामाजिक तत्व गैर कानूनी कार्य करने-कराने में सफल । कानून के बजाय व्यक्ति विशेष का राज्य । अशिक्षा, बीमारी, बेरोजगारी जैसी मूलभूत समस्याएँ तथा पानी, बिजली, सड़क जैसी मौलिक आवश्यकताएँ देश के अधिकांश नागरिकों के जीवन में कल्पना का विषय लगती है। यह स्थिति और इसके लिए उत्तरदायी कारण अस्वीकार्य हैं। इनसे मुक्ति का एक मात्र मार्ग है - सत्यमेव जयते...
- क्या हमारा देश निर्धन है?
- क्या हमारे देश में नियम कानून का पालन न्यायपूर्ण है?
- क्या हमारे देश में प्रतिभा और संपदा की कमी है ?
- देश की दुर्दशा का मूल कारण क्या है?
इन सभी सवालों के चिंतन से उत्पत्ति हुई सत्यमेव जयते की, हमारे राष्ट्रीय प्रतीक के अभिन्न वाक्य की आत्मा अगर आप देश में ढूँढे तो बहुत कम स्थानो से ही आप संतुष्ट एवं खुश होकर वापस आ पाएँगे, क्या सत्यता एवं ईमानदारी से काम करने वालों की अपेक्षा करना ग़लत है?