सत्यमेव जयते गान

सत्यमेव जयते गान

आओ हम सब मिलकर गा‌एँ,
सत्यमेव जयते।
दसों दिशाएँ भी दुहराएँ,
सत्यमेव जयते।।

ज्ञान कर्म और भक्ति शक्ति का
गूँजे पावन स्वर,
मंत्र सरीखा लगता जिसका
एक - एक अक्षर,
स्वर अक्षर साकार बनाएं,
सत्यमेव जयते।
लोक शास्त्र सब मिल बन जाएं,
सत्यमेव जयते।।


सत्य न्याय सत्कर्म मार्ग पर
कदम बढ़ें आगे,
क्षमा दया करुणा से भरकर
लोक धर्म जागे,
प्रेम शांति का पाठ पढ़ाए,
सत्यमेव जयते।
कल्मष कोसों दूर भगाए,
सत्यमेव जयते ।।


भीत ढहा दे भेदभाव की
हो इतनी क्षमता,
जन-जन की छाती में पनपे
भाव बढ़े समता,
अपनेपन का गीत सुनाए,
सत्यमेव जयते।
एक धर्म जो सबको भाए,
सत्यमेव जयते।।

ऋषि वाणी यह भरत भूमि के संविधान की भाषा,
हर प्राणी के अंतर्मन की
जो शाश्वत अभिलाषा,
भारत की मंगलमय परिभाषा, सत्यमेव जयते।
सत्य अहिंसा धर्म हमारा,
सत्यमेव जयते।।